HTML क्या है? – What is HTML in Hindi?
हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is HTML in Hindi (एचटीएमएल क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
HTML in Hindi – एचटीएमएल क्या है?
- HTML का पूरा नाम Hyper Text Markup Language (हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज) है।
- HTML एक मार्कअप लैंग्वेज है जिसका इस्तेमाल वेब पेज को बनाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल वेब एप्लीकेशन बनाने के लिए भी किया जाता है.
- दूसरे शब्दों में कहें तो, “HTML एक कंप्यूटर भाषा है जिसका इस्तेमाल वेबसाइट और एप्लीकेशन बनाने के लिए किया जाता है.”
- HTML बहुत ही सरल भाषा है, इसे हम बहुत कम समय में आसानी से सीख सकते हैं.
- एचटीएमएल वेब पेज के स्ट्रक्चर को describe (परिभाषित) करता है.
- HTML में बहुत सारें tags होते हैं जिनका इस्तेमाल करके हम अपने वेब पेज को आसानी से create कर सकते हैं.
- एचटीएमएल वेब ब्राउज़र को यह बताता है कि वेब पेज में मौजूद content को किस प्रकार दिखाना है.
- HTML में हम CSS का इस्तेमाल करके आकर्षक और सुंदर वेबसाइट बना सकते हैं और इसमें हम जावास्क्रिप्ट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
- HTML Code को लिखने के लिए किसी विशेष सॉफ्टवेयर की जरूरत नही होती है इसके लिए हमें notepad और web browser की जरूरत होती है जो कि हमारे कंप्यूटर पर पहले से ही मौजूद होते है।
- एचटीएमएल को 1991 में Tim Berners-Lee ने विकसित किया था.
- HTML का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है इसलिए यह सबसे प्रसिद्ध लैंग्वेज है.
- इस भाषा को एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज नहीं माना जाता, क्योकि यह dynamic web page डिज़ाइन करने में सक्ष्म नहीं होती। इसका उपयोग करके हम केवल static web pages को ही बना सकते है।
- इस भाषा का उपयोग करके दो या दो से अधिक web pages को आपस में जोड़ा जा सकता है।
- HTML को Hypertext और Markup language को आपस में मिलाकर बनाया गया है।
- एचटीएमएल का फ़ाइल extension .html तथा .htm होता है। अर्थात् इसकी फ़ाइलों को .html और .htm लगाकर save किया जाता है.
इसे पढ़ें:-
Features of HTML in Hindi – एचटीएमएल की विशेषताएं
1- HTML बहुत ही आसान भाषा है इसलिए इसको सीखना और याद रखना आसान होता है. इसके अलावा इसको हम आसानी से modify भी कर सकते हैं.
2- इस भाषा का syntax सरल होता है.
3- यह भाषा platform independent होती है, जिसका मतलब यह है कि इसका इस्तेमाल किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ किया जा सकता है.
4- इस भाषा के द्वारा हम वेबसाइट में audio, video और image को डाल सकते हैं.
5- यह case-sensitive नही होती इसलिए इसमें tags को uppercase और lowercase दोनों तरीकों से लिखा जा सकता हैं.
6- HTML में बहुत से formatting tags होते है जिसकी मदद से effective presentation बनाए जा सकते है।
7- यह एक markup language है जिसमे वेब पेज को डिज़ाइन करना आसान होता है।
8- इस भाषा का उपयोग करके एक प्रोग्रामर web page पर link जोड़ सकता है।
HTML का सरल उदाहरण
<!DOCTYPE html>
<html>
<head>
<title>Simple HTML Example</title>
</head>
<body>
<h1>This is heading</h1>
<p>This is paragraph</p>
</body>
</html>
इसका आउटपुट-
HTML के Elements
HTML में बहुत सारें elements मौजूद होते हैं. नीचे आपको कुछ प्रमुख elements दिए गये हैं:-
HTML Element | Description (विवरण) |
<!DOCTYPE> | सभी HTML पेज <!DOCTYPE> से ही शुरू होते हैं. यह ब्राउज़र को HTML के version के बारे में जानकारी देता है। |
<html > | यह html पेज का root element होता है. यह पूरे पेज को define (परिभाषित) करता है. |
<head> | यह element एक container होता है जिसका इस्तेमाल वेब पेज की अतिरिक्त जानकारी को स्टोर करने के लिए किया जाता है. इस element में metadata और documents के बारे में जानकारी मौजूद होती है। |
<title> | इस element का उपयोग वेब पेज के title को लिखने के लिए किया जाता है। यह title ब्राउज़र में दिखता है. इस element को head tag के अंदर रखा जाता है। |
<body> | यह element वेब पेज पर मौजूद सभी content को ब्राउज़र में दिखाता है. Body के अंदर सभी content आते है जैसे कि – heading, paragraph, image, और video आदि. |
<h1> | इसका प्रयोग heading बनाने के लिए किया जाता है. यह सबसे महत्वपूर्ण हैडिंग होती है. |
<p> | इसका इस्तेमाल paragraph लिखने के लिए किया जाता है. |
HTML version in Hindi – एचटीएमएल के वर्जन
1- HTML 1.0
यह HTML का पहला वर्जन था जिसे वर्ष 1991 में Tim – Berners Lee के द्वारा लांच किया गया था।
2- HTML 2.0
यह HTML का दूसरा वर्जन था जिसे वर्ष 1995 में लांच किया गया था। यह वेबसाइट को डिज़ाइन करने का एक स्टैण्डर्ड वर्जन था। इस वर्जन में नए फीचर्स डाले गये थे जैसे – file को upload करना और form बनाना आदि.
3- HTML 3.2
इस वर्जन को वर्ष 1997 में W3C के द्वारा विकसित किया गया था। यह HTML का तीसरा वर्जन था। इस वर्जन में table बनाने की सुविधा प्रदान की गयी थी. इसके अलावा इस वर्जन में गणितीय कार्य जैसे कि- जोड़, घटाना, गुणा, भाग आदि भी कर सकते थे. आज के समय में यह वर्जन ज्यादातर सभी ब्राउज़र को सपोर्ट करता है।
4– HTML 4.01
HTML के इस वर्जन को दिसंबर 1999 में लांच किया गया था। यह सबसे stable वर्जन था. इसमें हम अपने वेब पेज में CSS और जावास्क्रिप्ट को भी प्रयोग कर सकते थे.
5– HTML 5
यह HTML का सबसे नया वर्जन है जिसे जनवरी 2008 में लांच किया गया था। इस वर्जन को W3C (World Wide Web Consortium), और WHATWG ( Web Hypertext Application) के द्वारा विकसित किया गया था। इसमें नए features को डाला गया है जैसे कि – इसके द्वारा हम अपने वेब पेज में video और audio को add कर सकते हैं.
Applications of HTML in Hindi – एचटीएमएल के अनुप्रयोग
इसका उपयोग निम्नलिखित जगहों पर किया जाता है:-
1- HTML का उपयोग Web pages को विकसित करने के लिए किया जाता है।
2- इस भाषा का उपयोग एक पेज से दुसरे पेज को जोड़ने करने के लिए किया जाता है।
3- यह भाषा का उपयोग वेबसाइट बनाने के लिए किया जाता है.
4- इस भाषा का उपयोग web documents को create करने के लिए किया जाता है।
5- यह भाषा data entry से संबंधित कामो को करने में मदद करती है।
6- इस भाषा का उपयोग game बनाने के लिए भी किया जाता है.
Advantages of HTML – एचटीएमएल के फायदे
1- HTML का इस्तेमाल करना किसी भी यूजर और प्रोग्रामर के लिए आसान होता है। यह एक सरल भाषा है जिसे सिखना आसान होता है।
2- यह एक free of cost भाषा है जिसका अर्थ यह है की इस भाषा का उपयोग करने के लिए यूजर को सॉफ्टवेयर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती।
3- यह लगभग सभी तरह के ब्राउज़र को सपोर्ट करती है।
4- इस भाषा को edit और modify करना आसान है।
5- इस भाषा का प्रयोग दूसरी भाषाओँ के साथ किया जा सकता है. इसका प्रयोग PHP, javascript और CSS आदि के साथ किया जा सकता है.
6- HTML को zip file में compress किया जा सकता है इसलिए इसके कोड को download करना आसान होता है।
7- यह भाषा user friendly है।
8- यह भाषा light weight है अर्थात इसका size बहुत कम होता है.
9- इस भाषा के द्वारा हम वेबसाइट के SEO (search engine optimization) को सुधार सकते हैं.
Disadvantages of HTML in Hindi – एचटीएमएल के नुकसान
1- इस भाषा के द्वारा हम डायनामिक वेब पेज नही बना सकते इसके द्वारा हम केवल static वेबसाइट बना सकते हैं.
2- इस भाषा के structure को समझना काफी मुश्किल है।
3- इस भाषा को maintain करना काफी मुश्किल होता है।
4- इसमें simple page बनाने के लिए प्रोग्रामर को बहुत कोड लिखना पड़ता है।
5- इस भाषा की सुरक्षा बहुत कमजोर होती है, इसको hacker आसानी से hack कर सकते हैं.
HTML Tags क्या होते हैं?
HTML tags के तीन मुख्य part (भाग) होते हैं:- पहला opening tag, दूसरा content, और तीसरा closing tag. लेकिन कुछ ऐसे tags भी होते हैं जिनका closing tag नहीं होता है।
जब भी हम html मे कोडिंग करते है तो हमे tags बनाने पड़ते है क्योकि इसमे हम बिना tags के कोई भी काम नही कर सकते है. सभी HTML tags को < > इन brackets के लिखा जाता है.
इसे पूरा पढ़ें:- HTML tags की पूरी लिस्ट PDF के साथ
Types of HTML in Hindi – एचटीएमएल के प्रकार
1– Transitional
यह HTML का सबसे सरल प्रकार है इसका syntax बहुत ही flexible होता है। इसके अलावा इसमें grammar और spelling जैसे component होते है, जो वेब पेज को modify करने में मदद करते है। इसका उपयोग browser tags को read करने के लिए किया जाता है।
2– Strict
यह HTML दूसरा प्रकार है जो इस भाषा को reliable (विश्वसनीय) बनाता है। strict ब्राउज़र में पेज को तेज गति के साथ load करता है। इसका उपयोग ज्यादातर मोबाइल फ़ोन के लिए किया जाता है। इसकी processing power सिमित होती है।
3– Frameset
यह developers को HTML documents बनाने की परमिशन देता है। Frameset का उपयोग करके स्क्रीन में बहुत से documents को जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा यह menu बनाने में मदद करता है।
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न
इसका पूरा नाम हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज है इसका इस्तेमाल वेबसाइट बनाने के लिए किया जाता है.
इसका सबसे नया वर्जन HTML5 है.
Reference:- https://www.javatpoint.com/what-is-html
निवेदन:- अगर आपके लिए What is HTML in Hindi (एचटीएमएल क्या है?) का यह आर्टिकल उपयोगी रहा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये. और आपके जो भी questions हो उन्हें नीचे comment करके बताइए. धन्यवाद.
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